गुराँजी बिना कुण सूताने lyrics

गुराँजी बिना कुण सूताने lyrics 

( सन्त रूपाराम जी की वाणी )

‘गुराँजी बिना कुण सूताने जगावे।
असँग जुगारो भूल्यो म्हारो मनवो फिर फिर गौता खावे।।टेर।।

(1) मनखो जनम मिलियो मुश्किल से फिर हाथ न आवे।
आयोडो अवसर भूले मत मूरख, फिर चौरासी जावे॥ 

गुराँजी बिना कुण सूताने lyrics

(2) लख चौरासी विकट घणी है महा कष्ट पावे।
कू कर्म करे निति न सोचे, जद मार जमारी खावे॥

(3) मकड़ी मुख से तार निकाले आपही जाल बनावे।
आप जाण जाल में बैठे, आपोही आप उलजावे॥

गुराँजी बिना कुण सूताने lyrics

(4) शँकर नाथ मिल्या गुरूपूरा भिन्न-भिन्न कर समझावे।
रूपाराम सत गुरू शरणे ज्ञान गुराँ से आवे॥

 

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(1) पेला पेला देवरे गजानंद सिमरो (2) मैं थाने सिमरु गजानंद देवा (3) सन्तो पूजो पांचोहि देवा (4) गणपत देव रे मनाता (5) मनावो साधो गवरी रो पुत्र गणेश (6) सन्तो मैं बाबा बहुरंगी (7) सन्तो अविगत लिखीयो ना जाई (8) अब मेरी सुरता भजन में लागी (9) अब हम गुरु गम आतम चीन्हा (10) काया ने सिणगार कोयलिया (11) मत कर भोली आत्मा (12) जोगीड़ा ने जादू कीन्हो रे (13) मुसाफिर मत ना भटके रे (14) गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी (15) जिस मालिक ने सृष्टि रचाई (16) बर्तन जोये वस्तु वोरिए (17) गुरु देव कहे सुन चेला (18) संतो ज्ञान करो निर्मोही (19) मोक्स का पंथ है न्यारा (20) गुराँजी बिना कुण सूताने lyrics (21) केसर रल गई गारा में (22) पार ब्रह्म का पार नहीं पाया (23) आयो आयो लाभ जन्म शुभ पायो (24) इण विध हालो गुरुमुखी (25) आज रे आनंद मारे सतगुरु आया पावणा (26) मारे घरे आजा संत मिजवान (27) गुरु समान दाता जग में है नहीं (28) बलिहारी गुरुदेव आपने बलिहारी (29) गुरु बिन घोर अंधेरा (30) भोली सी दुनिया सतगरु बिन कैसे सरिया

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