बलिहारी जावू मारा सतगुरू ने lyrics
(धरमी दासजी की वाणी )
बलिहारी जावू मारा सतगुरू ने किया भर्म सब दूर।
किया भर्म सब दूर मारा, किया भर्म सब दूर ॥ टेर ॥
प्याला पाया प्रेम का, घोल संजीवन मोय ।
चढ़ी खूमारी प्रेम रो, मन हो गया चकनाचूर ॥ 1 ॥
बलिहारी जावू मारा सतगुरू ने lyrics
कुमता घटी सुमता बढ़ी, उर आनन्द भयो भरपूर ।
राग द्वैष जगत री मेटी, अब मन भयो मजूर ॥ 2 ॥
विमल प्रकाश लखयो, बिना सखी धन चोर ।
वरसे अनहद नाचे मनवो, बाजे श्या अनहद तूर ॥ 3 ॥
बलिहारी जावू मारा सतगुरू ने lyrics
शब्द सुणया गुरूदेवजी रा, जममुख पड़ गयी धूड़ ।
धरमीदास को आये मिला है सतगुरू सायब कबीर ॥ 4 ॥
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