पक्षियों का राजा की कहानी

पक्षियों का राजा की कहानी

एक बार जंगल के पक्षियों ने नया राजा चुनने के लिए सभा बुलाई।

एक पक्षी बोला, “गरूड़ तो भगवान विष्णु की सेवा में दिन रात व्यस्त रहते हैं। हमें आपस में ही नया राजा चुनना होगा। ” पक्षियों का राजा की कहानी

सभी इस प्रस्ताव को मान गए। काफी सलाह मश्वरे के बाद सभी इस फैसले पर पहुंचे की उल्लू को नया राजा बनाना चाहिए। उल्लू रात में भली प्रकार देख सकता है तो वह सभी को सुरक्षित रखेगा।

तभी कौवा वहां आया और सबसे सभा बैठने का कारण पूछा। पक्षियों ने उसे पूरी बात बताई और उल्लु को अपना राजा बनाने का फैसला बताया। पक्षियों का राजा की कहानी

इस पर कौवा बोला, “पर तुम लोगों ने राजा के लिए उल्लू को क्यों चुना? वह दिन में अंधा हो जाता है। वह देखने में कितना बदसूरत है। वह दूसरे पक्षियों का शिकार भी करता है। इससे तो बेहतर होता कि तुम मोर या हंस को राजा बना देते।” पक्षियों का राजा की कहानी

पक्षियों को उसका तर्क पसंद आया। उन लोगों ने उल्लू को राजा बनाने का फैसला स्थगित कर दिया। सभा के ही एक सदस्य ने उल्लू को जाकर सारी बात बता दी ।

उल्लू को कौवे की इस हरकत पर बड़ा गुस्सा आया। वह उल्लू के पास गया और बोला, “तुमने मेरे खिलाफ बोलकर मुझे राजा बनने से वंचित कर दिया। आज के बाद कौवा और उल्लू हमेशा-हमेशा के लिए दुश्मन होंगे । “

कौवे को पछतावा हो रहा था पर अब कुछ नहीं हो सकता था। पक्षियों का राजा की कहानी

नैतिक शिक्षा

कुछ भी करने या बोलने से पहले भलीभांति सोच लें।

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