यों भूला जग सारा भजन lyrics

यों भूला जग सारा भजन lyrics

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(सन्त श्री हेमनाथजी की वाणी)

सन्तों भाई यूँ भूला जग सारा।
न्यारा-न्यारा पंथ जगत में कहिये,जावु किण री लारा॥टेर॥

(1) आद पुरूष से माया उपजी, तीन गुण विस्तारा।
ब्रह्मा, विष्णु, आद महेश्वर, शक्ति तो सिरजन हारा॥

(2) तीन लोक नव खण्ड़ पृथ्वी, चौदह लोक विस्तारा।
आकाश वायु तेज जल पृथ्वी, इक्कीश ब्रह्माण्ड ऊँकारा।।

यों भूला जग सारा भजन lyrics

(3) पोथी पुस्तक ज्योतक सारा, बेद कथे विस्तारा।
हिन्दू, तूर्क, ईसाई, जैनी, कोई नहीं पावे पारा।।

(4) पंथ-पंथ में पच-पच मरीया, भज-भज नाम अपारा।
कहे हेमनाथ सुणो भाई साधु, सायब है निराधारा।।

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(1) पेला पेला देवरे गजानंद सिमरो

(2) मैं थाने सिमरु गजानंद देवा

(3) सन्तो पूजो पांचोहि देवा

(4) गणपत देव रे मनाता

(5) मनावो साधो गवरी रो पुत्र गणेश

(6) सन्तो मैं बाबा बहुरंगी

(7) सन्तो अविगत लिखीयो ना जाई

(8) अब मेरी सुरता भजन में लागी

(9) अब हम गुरु गम आतम चीन्हा

(10) काया ने सिणगार कोयलिया

(11) मत कर भोली आत्मा

(12) जोगीड़ा ने जादू कीन्हो रे

(13) मुसाफिर मत ना भटके रे

(14) गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी

(15) जिस मालिक ने सृष्टि रचाई

(16) बर्तन जोये वस्तु वोरिए

(17) गुरु देव कहे सुन चेला

(18) संतो ज्ञान करो निर्मोही

(19) मोक्स का पंथ है न्यारा

(20) गुरुजी बिना सुता ने कूण जगावे

(21) केसर रल गई गारा में

(22) पार ब्रह्म का पार नहीं पाया

(23) आयो आयो लाभ जन्म शुभ पायो

(24) इण विध हालो गुरुमुखी

(25) आज रे आनंद मारे सतगुरु आया पावणा

(26) मारे घरे आजा संत मिजवान

(27) गुरु समान दाता जग में है नहीं

(28) बलिहारी गुरुदेव आपने बलिहारी

(29) गुरु बिन घोर अंधेरा

(30) भोली सी दुनिया सतगरु बिन कैसे सरिया  

गणेश जी के भजन लिरिक्स
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