सुमता कुमता नार भजन lyrics
( सन्त श्री कबीर जी की वाणी )
भाई मेरा मनवा लाल ऐवी नहीं करणी है।
भाई मेरा लोभी लाल ऐवी नहीं करणी हैं,
जल उड़ो संसार दोनों तरणो रे ॥ टेर ॥
कुमता सुमता नार दोय रे सुमता पटराणी रे ।
उणारा अलग-अलग स्वभाव संत पहिचाणी रे ॥ 1 ॥
आ गई कुमता नार, जन्म डुबो गई रे ।
मने नाखियो चौरासी रे मांय, जन्म डुबोयो रे ॥ 2 ॥
आ गई सुमता नार, सुद्ध बुद्ध दे गई रे।
माने काड़ीयों चौरासी बहार, जन्म सुधारीयो रे ॥ 3 ॥
किणने सुणाऊं ज्ञान, नित उठ भागे रे।
ज्यारा हिरदा बड़ा कठोर, रंग नहीं लागे रे ॥ 4 ॥
नाभि कंवल रे मांय, नदीयाँ उल्टे रे।
बोलिया दास कबीर राम रस पिवणा रे॥5॥